हाथ लागी लागी नयी धूप
आज लागी लागी नयी धूप
के दिखे धुली साफ़ मन की चदरिया
बिना दाग सारी डगरिया
दसो दिशा आज संवरिया
लिए नया रूप
आज लागी लागी नयी धूप
हाथ लागी लागी नयी धूप
नज़र मेरी आज उडी है
बिना कोई डोर हां
जहा पाँव पड़ते जाए
नहीं कोई छोर हां
सुनी सुनी बात यही है
नदी पार कुछ भी नहीं है
दिखी आज वो नगरी है
कही थी कही थी जो दूर
आज लागी लागी नयी धूप
आज लागी लागी नयी धूप
नदी एक ताक रही है
मिले कोई नाव
सुबह एक फूट रही है
मिले कोई गाँव
डगर वही पहचानी है
खबर वही जगजानी है
आँख देखी तो मानी है
जादू ये अनूठ
आज लागी लागी नयी धूप
हाथ लागी लागी नयी धूप।
- वरुण ग्रोवर
आज लागी लागी नयी धूप
के दिखे धुली साफ़ मन की चदरिया
बिना दाग सारी डगरिया
दसो दिशा आज संवरिया
लिए नया रूप
आज लागी लागी नयी धूप
हाथ लागी लागी नयी धूप
नज़र मेरी आज उडी है
बिना कोई डोर हां
जहा पाँव पड़ते जाए
नहीं कोई छोर हां
सुनी सुनी बात यही है
नदी पार कुछ भी नहीं है
दिखी आज वो नगरी है
कही थी कही थी जो दूर
आज लागी लागी नयी धूप
आज लागी लागी नयी धूप
नदी एक ताक रही है
मिले कोई नाव
सुबह एक फूट रही है
मिले कोई गाँव
डगर वही पहचानी है
खबर वही जगजानी है
आँख देखी तो मानी है
जादू ये अनूठ
आज लागी लागी नयी धूप
हाथ लागी लागी नयी धूप।
- वरुण ग्रोवर